मुंबई में टूरिस्ट के साथ होता है सिम्पैथी स्कैम

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मुंबई में टूरिस्ट के साथ होता है सिम्पैथी स्कैम

मुंबई, भारत का दिल, न सिर्फ अपने ऐतिहासिक स्थलों और विविध संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहां पर्यटकों को ठगने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले नए-नए तरीकों के लिए भी जाना जाता है। हाल ही में, गेटवे ऑफ इंडिया के पास एक नया ‘सिम्पैथी स्कैम’ (Sympathy Scam) देखने को मिला है. जिसमें स्थानीय महिलाएं और बच्चे विदेशी पर्यटकों से सहानुभूति दिखाकर महंगे राशन (दूध, चावल, तेल) खरीदवाती हैं, और बाद में उसे वापस बेच कर देती हैं.

अगर आप भारत घूमने की योजना बना रहे हैं या खासकर मुंबई आने वाले हैं, तो इस लेख में हम आपको बताएंगे कि यह घोटाला कैसे चलता है, इसके पीछे का पूरा नेटवर्क कैसा होता है, और सबसे महत्वपूर्ण – आप इससे कैसे बच सकते हैं.

क्या है ‘सिम्पैथी स्कैम’?

गेटवे ऑफ इंडिया जैसे भीड़भाड़ वाले पर्यटन स्थलों पर कुछ महिलाएं, गोद में बच्चों को लिए हुए, विदेशी सैलानियों के पास आती हैं। वे कहती हैं, “बच्चे के लिए दूध चाहिए”, या “हमारे घर में खाने को नहीं है, थोड़ा चावल, दूध और तेल दिलवा दीजिए.

इंसानियत और दया दिखाते हुए कई पर्यटक उन्हें पास के किराना स्टोर में ले जाते हैं और उनके लिए ये सामान खरीदते हैं. ये चीजें आम तौर पर महंगी होती हैं – एक बार में 1500 रुपये तक खर्च हो सकता है.

लेकिन हकीकत कुछ और ही है – जैसे ही पर्यटक वहां से जाता है, वो महिलाएं वो सामान दुकानवालों को वापस बेच देती हैं. इस तरह ये एक संगठित ‘सिम्पैथी बिजनेस’ का हिस्सा होता है, न कि कोई जरूरतमंद की मदद.

ये स्कैम कैसे काम करता है?

1. सहानुभूति से शुरूआत: ये महिलाएं मासूम बच्चे को गोद में लेकर आती हैं और सीधा संपर्क करती हैं – “बच्चे के लिए दूध चाहिए”, “हमारा घर भूखा है”, “थोड़ा चावल ला दो”

2. आपको दुकान तक ले जाना: जैसे ही आप मदद के लिए तैयार होते हैं, वे आपको पास की दुकान पर ले जाती हैं जहाँ वो पहले से सेटिंग होती है।

3. महंगा सामान खरीदवाना: दूध, तेल और चावल के दाम सामान्य से कहीं ज्यादा होते हैं – 1000 से 1500 रुपये तक.

4. रीसेल (Resale) का धंधा: जैसे ही आप वहां से हटते हैं, वो सामान दोबारा उसी दुकान में बेच दिया जाता है, जिसमें दुकानवाले और स्कैमर दोनों को फायदा होता है.

मुंबई आने वाले पर्यटक कैसे बचें इस स्कैम से?

सहानुभूति के जाल में न फंसें: अगर कोई आपसे भोजन या अन्य सामान खरीदने की गुहार लगाता है, तो विनम्रता से मना करें.

विश्वसनीय दान करें: अगर आप वास्तव में मदद करना चाहते हैं, तो किसी प्रमाणित चैरिटी या एनजीओ को दान करें। इससे आपका पैसा सही जगह पहुंचेगा.

स्थानीय दुकानों से बचें: घोटालेबाज अक्सर आपको ऐसी दुकानों पर ले जाते हैं, जो उनके साथ सांठगांठ में होती हैं। सामान खरीदने के लिए हमेशा विश्वसनीय सुपरमार्केट या स्टोर चुनें.

जानकारी रखें: यात्रा से पहले भारत में होने वाले सामान्य घोटालों के बारे में पढ़ें। मेरी वेबसाइट, India Survival Guide (indiasurvivalguide.com), आपको ऐसे घोटालों से बचने के लिए उपयोगी टिप्स प्रदान करती है.

स्थानीय लोगों से सलाह लें: अगर आपको कोई संदेह हो, तो स्थानीय लोगों या अपने होटल स्टाफ से सलाह लें.

मुंबई में सुरक्षित यात्रा के लिए अन्य सुझाव

गेटवे ऑफ इंडिया के अलावा, मुंबई में कई अन्य जगहें हैं जहां आपको सावधान रहने की जरूरत है। यहां कुछ अतिरिक्त टिप्स दिए गए हैं:

भीड़भाड़ वाली जगहों पर सतर्क रहें: चोर और घोटालेबाज अक्सर भीड़ का फायदा उठाते हैं। अपनी कीमती चीजों को सुरक्षित रखें।

टैक्सी और रिक्शा घोटालों से बचें: हमेशा मीटर से चलने वाली टैक्सी या प्रीपेड टैक्सी का उपयोग करें।

स्थानीय भाषा सीखें: कुछ बुनियादी हिंदी या मराठी वाक्य सीखने से आप स्थानीय लोगों के साथ बेहतर संवाद कर सकते हैं और घोटालों से बच सकते हैं।

यात्रा गाइड का उपयोग करें: मेरी वेबसाइट indiasurvivalguide.com पर उपलब्ध क्विक स्टार्ट सेफ्टी गाइड आपको भारत में सुरक्षित यात्रा के लिए तैयार करता है।

मुंबई एक खूबसूरत शहर है – इसके इतिहास, संस्कृति और समुद्रतटों का अनुभव अनमोल है. लेकिन साथ ही, यहां की सड़कों पर ऐसे ‘सिम्पैथी स्कैम’ भी उतने ही वास्तविक हैं। अगर आप भारत में यात्रा करने की सोच रहे हैं या पहले से प्लान बना चुके हैं, तो हमारी सलाह है – दयालु बनिए, लेकिन सतर्क भी रहिए। आपकी मदद सही जगह पहुँचे, ये सुनिश्चित करना ही असली सेवा है.